POST OFFICE GDS BPM की कब INSPECTION होती है : जान लो फिर मत पछताना

जी हाँ, अगर आप भी पोस्ट ऑफिस में GDS में भर्ती हो चुके हैं तो आपको बता दें कि आपकी हर 3 महीने में निरीक्षण (इंस्पेक्शन) होगी बिलकुल सही सुना आपने — हर 3 महीने में आपकी इंस्पेक्शन होगी। जी हाँ, और आपको बता दें कि आपकी इंस्पेक्शन करने के लिए आपके एरिया के मेल ओवरसीयर आएंगे। हालाँकि, आपको यह भी बता दें कि आपके मेल ओवरसीयर आपको एक दिन पहले ही बता देंगे कि कल आपकी इंस्पेक्शन होगी और आप अपना पूरा काम तैयार कर लीजिए।

अब आपके मन में यह सवाल होगा कि “पूरा काम” का क्या मतलब है? पूरे काम का मतलब है कि आपके सभी रजिस्टर सहीतरीके से भरे होने चाहिए और आपकी सभी ट्रांजैक्शन भी सही-सही होनी चाहिए।

अगर आपके काम में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो आपको तुरंत बयान देने के लिए कहा जाएगा।

नीचे हमने एक सूची तैयार कर दी है कि आपकी इंस्पेक्शन में आपसे क्या-क्या पूछा जाएगा। आप नीचे दी गई सूची से जांच सकते हैं कि आपका काम पूरा है या नहीं।

  1. SB 26 जिसे हम PR Book भी कहते हैं।
  2. BO JOURNAL
  3. SB REGISTER
  4. RD REGISTER
  5. SSA REGISTER
  6. IPPB REGISTER
  7. ERROR BOOK
  8. 5 SSA COPIES
  9. 5 RD COPIES
  10. 5 SB COPIES
  11. 3 RPLI COPIES
  12. RPLI REGISTER
  13. SB SPECIMEN
  14. RD SPECIMEN .
  15. SSA SPECIMEN
  16. TD REGISTER
  17. TD SPECIMEN
  18. MOHAR PUSTIKA (DATE STAMP BOOK)
  19. ROUGH DAILY ACCOUNT
  20. IN HAND CASH

ये सभी चीजें आपसे आपकी इंस्पेक्शन में चेक की जाएंगी। आप इन्हें पहले से जांच सकते हैं और समय रहते इन्हें पूरा कर सकते हैं।

SB 26 (PR BOOK)

SB 26 PR BOOK

अब मैं आपको हर एक चीज़ विस्तार से समझाता हूँ कि कौन सी चीज़ क्या है। सबसे पहले आती है SB-26

जी हाँ, SB-26 का उपयोग तब किया जाता है जब हम कोई नया खाता खोलते हैं। इस फॉर्म में से एक रसीद (Receipt) निकाली जाती है, जो कि डुप्लीकेट स्लिप होती है, और उसे खाते के साथ संलग्न किया जाता है।

इसी डुप्लीकेट स्लिप की मदद से आपके मेल ओवरसीयर यह जांचते हैं कि आपने नए खाते के पैसे सही तरीके से हिसाब में लिए हैं या नहीं

BO JOURNAL

BO जनरल आपके ऑफिस का एक महत्वपूर्ण लेखा-जोखा होता है जिसमें आपके दैनिक कार्यों का पूरा विवरण दर्ज किया जाता है। इसमें यह लिखा होता है कि आपने उस दिन कितनी SB (सेविंग्स बैंक) की राशि जमा की, कितनी RD (रेकऱिंग डिपॉज़िट) जमा की, SSA (सुकन्या समृद्धि योजना) में कितनी जमा राशि ली गई, और RPLI (ग्रामीण डाक जीवन बीमा) में कितनी प्रीमियम राशि जमा की गई।

इन सभी लेन-देन का मिलान आपके BO (ब्रांच ऑफिस) जनरल से होता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हर एक ट्रांजेक्शन सही तरीके से दर्ज हुआ है और हिसाब-किताब में कोई त्रुटि नहीं है। BO General ऑफिस के दैनिक कामकाज का पारदर्शी और सटीक रिकॉर्ड रखने का माध्यम होता है।

SB REGISTER

SB रजिस्टर आपके BIO (बायो) का एक महत्वपूर्ण और मुख्य रजिस्टर होता है, जिसमें आपके द्वारा किए गए सभी SB (Savings Bank) संबंधित कार्यों का पूरा विवरण दर्ज किया जाता है। इसमें यह लिखा जाता है कि आपने किस ग्राहक के SB खाते में कितनी राशि जमा की, और कितनी राशि निकासी (withdrawal) के रूप में दी गई।

हर दिन आप जो भी SB ट्रांजेक्शन करते हैं — चाहे वो नकद जमा हो या निकासी — उसकी जानकारी इस रजिस्टर में क्रमबद्ध तरीके से लिखी जाती है। यह रजिस्टर इतना महत्वपूर्ण होता है कि महीने के अंत में या जब भी जांच की आवश्यकता होती है, तो इसी SB रजिस्टर की सहायता से सभी SB खातों की प्रतिलिपियों (copies) को जांचा और मिलान किया जाता है।

यह रजिस्टर यह सुनिश्चित करता है कि आपके द्वारा किए गए सभी SB कार्य पारदर्शी, सही और रिकॉर्ड में दर्ज हैं।

RD REGISTER , SSA REGISTER , IPPB REGISTER , RPLI REGISTER , TD REGISTER

RD REGISTER , SSA REGISTER , IPPB REGISTER , RPLI REGISTER , TD REGISTER इन सभी रजिस्टरों की जांच इंस्पेक्शन के समय की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपने जो डेली काम किया है, उसके सभी ट्रांजेक्शन पूर्ण (complete) हैं या नहीं।

SB SPECIMEN , SSA SPECIMEN , RD SPECIMEN , TD SPECIMEN

सभी स्पेसिमेन रजिस्टर में यह चेक किया जाता है कि जिस दिन आपने खाता खोला था, उस दिन उस व्यक्ति की फोटो लगाई गई है या नहीं, उसका नाम और पता सही तरीके से लिखा गया है या नहीं। इसी स्पेसिमेन में यह भी देखा जाता है कि आपने PR बुक का नंबर दर्ज किया है या नहीं। इससे यह मिलान हो जाता है कि आपने वास्तव में उसी दिन वह खाता खोला था।

भविष्य में यदि आपको उसी कस्टमर के आधार कार्ड या पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ती है, तो आप स्पेसिमेन में दर्ज जानकारी की सहायता से वह विवरण प्राप्त कर सकते हैं।

ERROR BOOK

एरर बुक: BO कार्यालय की एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़

डाक विभाग के ब्रांच ऑफिस (BO) में कार्य करते समय विभिन्न प्रकार के रजिस्टर और दस्तावेज़ों का इस्तेमाल होता है, जो कार्य प्रणाली को पारदर्शी और त्रुटिहीन बनाए रखने में सहायता करते हैं। इन सभी दस्तावेज़ों में एरर बुक (Error Book) एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह एक ऐसा रजिस्टर होता है जिसमें BO में कार्यरत BPM (ब्रांच पोस्ट मास्टर) द्वारा की गई किसी भी गलती या चूक को स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाता है।

एरर बुक का उद्देश्य

एरर बुक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि यदि कार्य के दौरान कोई त्रुटि हो जाए — चाहे वह जानबूझकर न की गई हो — तो उसका स्पष्ट, पारदर्शी और सत्यापन योग्य रिकॉर्ड रखा जा सके। इससे न केवल कार्य प्रणाली में ईमानदारी बनी रहती है, बल्कि भविष्य में जब भी किसी प्रकार की ऑडिट या निरीक्षण हो, तो यह स्पष्ट हो सके कि गलती को कब, क्यों और कैसे सुधार किया गया।

एरर बुक की आवश्यकता क्यों होती है?

डाकघर में प्रतिदिन अनेक वित्तीय लेन-देन होते हैं, जैसे खाते में राशि जमा करना, निकासी देना, नई योजनाओं के तहत खाता खोलना आदि। इन सभी कार्यों में इंसानी गलतियाँ हो सकती हैं। उदाहरण के लिए:

मान लीजिए किसी ग्राहक ने SB (Savings Bank) खाते में ₹5000 जमा कराने के लिए कहा, लेकिन गलती से BPM ने ₹10000 जमा कर दिए। इस स्थिति में, ग्राहक के खाते में अतिरिक्त ₹5000 दिखने लगते हैं जो वास्तविक नहीं है। ऐसी स्थिति में BPM को तुरंत इस गलती को सुधारना होता है, ताकि ना केवल ग्राहक का खाता सही हो, बल्कि डाकघर के रिकॉर्ड में भी पारदर्शिता बनी रहे।

गलती को सुधारने की प्रक्रिया

  1. गलती की पहचान: जैसे ही किसी गलती का पता चलता है — चाहे वो स्वयं BPM को समझ में आए या ग्राहक द्वारा बताई जाए — उसे तुरंत संज्ञान में लेना चाहिए।
  2. गलती का दस्तावेज़ीकरण: एरर बुक में उस गलती को पूरी पारदर्शिता से नोट किया जाना चाहिए। इसमें निम्नलिखित विवरण लिखना आवश्यक है:
    • गलती की तारीख और समय
    • किस प्रकार की गलती हुई (जैसे – अधिक राशि जमा करना, गलत खाता संख्या लिखना आदि)
    • गलती किस खाते में हुई (खाता संख्या और खाता धारक का नाम)
    • सही किया गया लेन-देन (जैसे – ₹5000 निकाले गए)
    • सुधार करने की प्रक्रिया (कैसे ठीक किया गया)
  3. ब्यौरा स्पष्ट रूप से लिखना: एरर बुक में गलती दर्ज करते समय भाषा स्पष्ट और सटीक होनी चाहिए। अस्पष्ट या अधूरी जानकारी से भ्रम उत्पन्न हो सकता है।
  4. मुहर और हस्ताक्षर: गलती दर्ज करने के बाद BPM को अपनी अधिकृत मुहर लगानी चाहिए, और फिर अपने हस्ताक्षर करने चाहिए। साथ ही, गलती जिस दिन हुई, उस दिन की तारीख और समय भी सही-सही लिखना आवश्यक है।
  5. गवाह की भूमिका (यदि लागू हो): कुछ मामलों में यदि संभव हो तो एक अन्य कर्मचारी या गवाह के हस्ताक्षर भी लिए जा सकते हैं, ताकि यह प्रमाणित किया जा सके कि गलती और सुधार दोनों प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हुई है।

एरर बुक से BPM को कैसे सहायता मिलती है?

  1. निरीक्षण के समय सहारा: जब किसी उच्चाधिकारी द्वारा ऑफिस का निरीक्षण (inspection) किया जाता है, तो वह एरर बुक के माध्यम से यह जान सकता है कि कोई भी गलती छुपाई नहीं गई है, बल्कि उसका रिकॉर्ड पारदर्शी रूप से दर्ज है।
  2. भविष्य में विवाद से सुरक्षा: कई बार ग्राहक या विभाग से संबंधित कोई अधिकारी बीते हुए लेन-देन को लेकर सवाल कर सकता है। उस समय एरर बुक में दर्ज विवरण यह सिद्ध कर सकता है कि गलती को समय पर पहचाना गया और उसे सही भी किया गया।
  3. कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया में सहयोग: यदि भविष्य में कोई कानूनी या विभागीय जांच होती है, तो एरर बुक यह प्रमाण देने में मदद करती है कि गलती जानबूझकर नहीं की गई थी और उसमें सुधार भी किया गया।
  4. आत्ममूल्यांकन का साधन: BPM स्वयं भी एरर बुक के माध्यम से यह देख सकता है कि किस प्रकार की गलतियाँ बार-बार हो रही हैं और उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है।

सावधानियाँ जो एरर बुक भरते समय बरतनी चाहिए

  • कभी भी किसी गलती को छुपाने की कोशिश न करें।
  • एरर बुक में व्हाइटनर या कटा-पिटी का प्रयोग न करें। अगर कुछ गलत लिखा जाए तो एक लाइन खींचकर सही जानकारी लिखें।
  • केवल BPM ही एरर बुक में विवरण दर्ज करे; अन्य कोई कर्मचारी बिना अनुमति के इसे न भरे।
  • एरर बुक को सुरक्षित स्थान पर रखें और केवल अधिकृत व्यक्ति ही इसका उपयोग करे।

निष्कर्ष

एरर बुक न केवल एक दस्तावेज़ है, बल्कि यह डाकघर में काम कर रहे BPM की ईमानदारी, पारदर्शिता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है। छोटी-छोटी गलतियाँ होना स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें समय पर पहचानकर, उचित तरीके से दर्ज करना और सुधार करना ही एक जिम्मेदार कर्मचारी की पहचान है।

इसलिए, हर BO में कार्यरत BPM को चाहिए कि वह एरर बुक का सही उपयोग करे, और यदि किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो बिना देरी के उसे उसमें दर्ज करे। ऐसा करने से न केवल ऑफिस की छवि सकारात्मक बनी रहती है, बल्कि विभागीय और ग्राहक स्तर पर भी विश्वास बना रहता है।

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