राष्ट्रपति बनते ही ट्रम्प ने दी चीन को धमकी

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद अपने पहले भाषण में ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों, ड्रग तस्कर, मेक्सिको की खाड़ी और पनामा नहर में चीन के दखल को लेकर अहम बातें कहीं। उन्होंने चीन को सीधा संदेश देते हुए ट्रंप ने कहा, हमने पनामा नहर को चीन को गिफ्ट में दे दिया। यह मूर्खता हमने की है, तब से चीन इसका इस्तेमाल कर रहा है। हम पनामा नहर पर कब्जा वापस लेने वाले हैं। उन्होंने कहा, “अमेरिकी जहाजों पर बहुत अधिक भार डाला जा रहा है और किसी भी तरह से आकार या रूप में उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है और चिन पर ट्रंप ने एक और बड़ी देशों पर टैरिफ और टैक्स ब पर टैक्स लगाने के बजाय, वाली चीजों पर टैक्स लगाएंग लगाने का ऐलान कर चुके ट्रंप इससे पीछे नहीं हटने वा रद्द कर देंगे और अमेरिका करते रहे हैं। इससे चीन को लिए अमेरिका को बड़ा बाज
इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना भी शामिल है और सबसे बढ़कर, चीन पनामा नहर का संचालन कर रहा है और हमने इसे पनामा को दिया और हम इसे वापस ले रहे हैं।” पनामा नहर चीन से अमेरिका के पूर्वी तट को जोड़ती है।

चीन को दी सीधी धमकी

ट्रंप ने एक और बड़ी बात कही, जो चीन को परेशान करेगी। ट्रंप ने कहा कि हम दूसरे देशों पर टैरिफ और टैक्स बढ़ाने वाले हैं। उ । अन्य देशों को समृद्ध बनाने के लिए अपने नागरिकों पर टैक्स लगाने के बजाय, हम अपने नागरिकों को समृद्ध बनाने के लिए विदेश से आनी वाली चीजों पर टैक्स लगाएंगे। कनाडा, मैक्सिको के साथ चीन पर ट्रंप पहले ही ज्यादा टैक्स लगाने का ऐलान कर चुके हैं। एक बार फिर उन्होंने इसकी प्रतिज्ञा दोहराई है। साफ है कि ट्रंप इससे पीछे नहीं हटने वाले हैं. ट्रंप ने ये भी कहा कि वे इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्यता को रद्द कर देंगे और अमेरिका में फिर से उस गति से गाड़ियां बनाई जाएंगी, जैसा हम पहले करते रहे हैं। इससे चीन को चोट पहुंच सकती है, क्योंकि चीन अपने इलेक्ट्रिक वाहन के लिए अमेरिका को बड़ा बाजार मानता है।
व्यापार का 5 फीसदी हिस्सा इसी रास्ते से होता है। हर साल 270 अरब डॉलर का • सामान पनामा नहर से जाता है। अमेरिका के 40 फीसदी कंटेनर इसी रास्ते से निकलते हैं। यही वजह है कि अमेरिका के लिए यह सामरिक रूप से काफी अहम है। ट्रंप का
मानना है कि अमेरिका ने इस नहर को बनाने के लिए पैसा और मेहनत लगाई है, इसलिए इस नहर पर उसका हक है। उधर, चीन इस नहर को अपने काबू में रखना चाहता है। इसलिए ट्रंप के बयान से चीन के साथ टकराव होना तय है।

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