अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने लिया संन्यास

कोन है ममता कुलकर्णी

ममता कुलकर्णी एक पूर्व भारतीय अभिनेत्री हैं।

ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को एक मराठी परिवार में हुआ था। उनकी दो बहनें मिथिला एवं मोलिना हैं।

सांसारिक मोह-माया और भोग विलास से थक-हार चुकी ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज महाकुंभ २०२५ में संन्यास ले लिया।

ममता कुलकर्णी
जन्म20 अप्रैल 1972 (आयु 52)[1]
मुम्बई, भारत
आवासमुम्बई
पेशाअभिनेत्री, मॉडल
कार्यकाल1991–2002
जीवनसाथीविक्की गोस्वामी

महाकुंभ में क्या हुआ ममता कुलकर्णी के sath

महाकुंभ मेले में अब जानी मानी फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी की एंट्री हो गई है। ममता गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर अब संतों का जीवन व्यतीत करेंगी। उन्हें महामंडलेश्वर बनाया जाएगा। शुक्रवार को ममता कुलकर्णी भगवा वस्त्र धारण कर महाकुंभ के सेक्टर नंबर 16 में स्थित किन्नर अखाड़े के शिविर में पहुंचीं। यहां पर उनका पट्टाभिषेक किया जाएगा। ममता कुलकर्णी के आने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। किन्नर अखाड़े की ओर से जारी की गई सूचना के अनुसार प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी शुक्रवार को किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर बनेंगी।

क्या है पट्टाभिषेक… जिसके बाद किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी, जानिए प्रोसेस

पिंडदान के बाद एक बार फिर से स्नान होता है. इस स्नान के बाद शुद्धिकरण हो जाने के बाद गुरु की ओर से भभूत, कपड़े और कंठी (एक तरह की माला) दी जाती है. फिर ईष्टदेव की पूजा होती है और इसके बाद दंड-कमंडल दिया जाता है. इस पूरी प्रोसेस को पंचकर्म कहा जाता है. 

कुंभ के दौरान दिए जाते हैं अखाड़ों में पद

महाकुंभ के आयोजन का एक उद्देश्य यह भी होता है कि इसमें नए साधुओं का अखाड़ा प्रवेश और संन्यासियों को नागा दीक्षा दिलवाई जाती है. इसके लिए जो भी जरूरी अनुष्ठान होते हैं, वह कुंभ के ही साथ आयोजित होते हैं. इसी दौरान अखाड़ों में पद भी दिए जाते हैं, जिनमें कोतवाल, खजांची, भंडारी जैसे पद शामिल होते हैं. इसके साथ ही नागा, सदर नागा जैसी उपाधियां भी मिलती हैं. कुंभ के ही दौरान अखाड़े महंत, श्रीमहंत और महामंडलेश्वर जैसे पद भी देते हैं. इनकी भी एक प्रक्रिया होती है, जिसमें पिंडदान करना और पट्टाभिषेक किया जाना मुख्य होता है.   

प्रयागराज के महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा भी पहुंचा हुआ है. इस अखाड़े की स्थापना इसी सदी में साल 2015 में उज्जैन में की गई थी. किन्नर अखाड़े में किस तरह महामंडलेश्वर बनाए जाते है और इसके क्या नियम हैं इस बारे में ‘आजतक’ से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंदगिरी ‘टीना मां’ ने बातचीत की थी. कौशल्या नंदगिरी की मानें तो अन्य अखाड़ों की तरह ही किन्नर अखाड़ा भी संचालित होता है. सन्यास आदि दिलाने की प्रक्रिया भी एक जैसी होती है. महामंडलेश्वर या अन्य उपाधि लेने वाले लोगों के आचार, विचार को परखते हैं. इसके अलावा वह यह भी देखते हैं कि,वह गृहत्यागी है या नहीं. किसी को संन्यास दिलाने से पहले ये परखना जरूरी होता है.

ममता कुलकर्णी की किससे शादी हुई

भारत आकर ममता ने विक्की गोस्वामी संग अपने रिश्ते का सच भी बताया. 1997 में विक्की गोस्वामी को गैरकानूनी रूप से ड्रग्स की तस्करी करने के लिए दुबई में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. बताया जाता है कि ममता उनसे अक्सर जेल में मिलने जाती थीं. खबर थी कि ममता ने विक्की के जेल में रहते हुए ही उनसे शादी कर ली थी।

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