

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मंत्र जाप करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। यहां हम आपको महाशिवरात्रि पर जाप करने के लिए कुछ प्रमुख मंत्र बता रहे हैं:
1. महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इसका जाप करने से मृत्यु का भय दूर होता है और दीर्घायु प्राप्त होती है।
मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
अर्थ: हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित हैं और सभी का कल्याण करने वाले हैं। हे प्रभु, हमें मृत्यु के बंधन से मुक्त करें और अमरता प्रदान करें।
2. ॐ नमः शिवाय मंत्र
यह मंत्र शिवजी का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है। इसे “पंचाक्षर मंत्र” भी कहा जाता है। इस मंत्र का जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंत्र:
“ॐ नमः शिवाय”
अर्थ: हे भगवान शिव, मैं आपको नमन करता हूं।
3. शिव गायत्री मंत्र
यह मंत्र शिवजी की कृपा प्राप्त करने के लिए जाप किया जाता है। यह मंत्र मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
मंत्र:
“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”
अर्थ: हम तत्पुरुष (शिव) को जानते हैं और महादेव का ध्यान करते हैं। हे रुद्र, हमें प्रेरित करें।
4. रुद्र गायत्री मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव के रुद्र रूप को समर्पित है। इसका जाप करने से सभी प्रकार के भय दूर होते हैं।
मंत्र:
“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”
अर्थ: हम तत्पुरुष (शिव) को जानते हैं और महादेव का ध्यान करते हैं। हे रुद्र, हमें प्रेरित करें।
5. लिंगाष्टक मंत्र
यह मंत्र शिवलिंग की महिमा का वर्णन करता है। इसका जाप करने से भक्तों को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।
मंत्र:
“ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंगं निर्मलभासितशोभितलिंगम्।
जन्मजदुःखविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम्॥”
अर्थ: मैं उस सदाशिव लिंग को प्रणाम करता हूं, जो ब्रह्मा, विष्णु और देवताओं द्वारा पूजित है, जो निर्मल और दिव्य प्रकाश से सुशोभित है, और जो जन्म और दुखों का नाश करने वाला है।
6. शिव तांडव स्तोत्र
यह स्तोत्र भगवान शिव के तांडव नृत्य की महिमा का वर्णन करता है। इसका पाठ करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।
मंत्र:
“जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले।
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं।
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम्॥”
अर्थ: हे शिव, आपकी जटाओं से बहने वाली गंगा की धारा से पवित्र स्थान पर, गले में सर्पों की माला धारण करके, डमरू की ध्वनि के साथ आपने जो तांडव नृत्य किया है, वह हमें कल्याण प्रदान करे।
7. शिव चालीसा
शिव चालीसा का पाठ करने से भक्तों को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। यह चालीसा शिवजी की महिमा और उनके गुणों का वर्णन करती है।
मंत्र जाप के लिए टिप्स
- शुद्धता: मंत्र जाप करने से पहले स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- ध्यान: मंत्र जाप करते समय शिवजी का ध्यान करें।
- माला का उपयोग: रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करना शुभ माना जाता है।
- संख्या: मंत्र जाप की संख्या 108, 1008 या 11 बार करना शुभ होता है।