
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग का पूजन करते हैं और ध्यान-साधना में लीन रहते हैं। लेकिन, कई बार अनजाने में कुछ ऐसी गलतियाँ हो जाती हैं, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अनुचित मानी जाती हैं। यह ब्लॉग महाशिवरात्रि के दौरान की जाने वाली उन गलतियों को समझने और उनसे बचने पर केंद्रित है।

महाशिवरात्रि पर क्या न करें?
1. तामसिक भोजन का सेवन न करें
महाशिवरात्रि के दिन सात्विक और शुद्ध भोजन ग्रहण करने की परंपरा है। इस दिन मांस, मछली, अंडे, प्याज, लहसुन और शराब आदि का सेवन वर्जित होता है। यह दिन आत्मसंयम और शुद्धता का प्रतीक है, इसलिए तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
2. अनियमित व्रत न रखें
महाशिवरात्रि के व्रत का पालन पूरी निष्ठा और नियमों के अनुसार करना चाहिए। यदि स्वास्थ्य कारणों से व्रत रखना संभव न हो, तो फलाहार और सात्विक आहार लिया जा सकता है। उपवास में अनुशासन और श्रद्धा का होना आवश्यक है।
3. बेलपत्र और जल अर्पण में लापरवाही न करें
शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाने का विशेष महत्व है, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि बेलपत्र साफ हो और इसे उल्टा न चढ़ाएं। गंदे या कटे-फटे बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करना अशुभ माना जाता है।
4. नारियल जल न चढ़ाएं
शिवलिंग पर नारियल का जल चढ़ाना वर्जित माना गया है। हालांकि, नारियल स्वयं भगवान शिव को प्रिय है, लेकिन इसका जल अर्पित करने से बचना चाहिए।
5. दूध और जल व्यर्थ न करें
अक्सर लोग महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर大量 में दूध और जल चढ़ाते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि यह व्यर्थ न हो। शिवलिंग पर चढ़ाया गया दूध गरीबों में वितरित करना अधिक पुण्यकारी माना जाता है।
6. शिवलिंग को हल्दी न लगाएं
शिवलिंग पर हल्दी लगाने की परंपरा नहीं है, क्योंकि हल्दी सौभाग्य का प्रतीक है और इसे स्त्रियों से जोड़ा जाता है। शिव संन्यासी हैं, इसलिए उन्हें हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए।
7. कांटेदार फूल अर्पित न करें
भगवान शिव को विशेष प्रकार के फूल जैसे सफेद और नीले फूल प्रिय होते हैं। शिवलिंग पर केतकी और चमेली के फूल अर्पित करना वर्जित माना जाता है।
8. रात्रि जागरण के दौरान अश्लीलता और गपशप न करें
महाशिवरात्रि की रात को जागरण का विशेष महत्व है। इस दौरान शिव मंत्रों का जाप और भजन-कीर्तन करना चाहिए। लेकिन कई लोग गपशप में समय बर्बाद कर देते हैं, जो कि अनुचित है।
9. शिवलिंग पर तेल अर्पित न करें
भगवान शिव को जल, दूध, शहद, दही आदि से अभिषेक करना चाहिए, लेकिन तेल चढ़ाना वर्जित होता है। तेल भगवान शनि को अर्पित किया जाता है, न कि भगवान शिव को।
10. अहंकार और नकारात्मक विचार न रखें
महाशिवरात्रि आत्मशुद्धि और ध्यान का पर्व है। इस दिन अहंकार, क्रोध, लोभ और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से बचना चाहिए। मन को शांत और सकारात्मक बनाए रखना शिव भक्ति का सच्चा स्वरूप है।
महाशिवरात्रि के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें – भगवान शिव की पूजा करते समय पूरी श्रद्धा और भक्ति रखें।
- शिव मंत्रों का जाप करें – महाशिवरात्रि के दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप विशेष लाभकारी होता है।
- रात्रि जागरण करें – इस दिन पूरी रात जागकर शिव कथा और भजन-कीर्तन करने का विशेष महत्व है।
- दान और सेवा करें – गरीबों को भोजन, वस्त्र और आवश्यक वस्तुएं दान करना शुभ माना जाता है।
- पवित्रता बनाए रखें – इस दिन मन, वचन और कर्म की शुद्धता बनाए रखें और अशुद्ध कार्यों से बचें।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और आत्मसंयम का अवसर है। इस दिन हमें उन सभी गलतियों से बचना चाहिए, जो हमारी भक्ति और पूजा में विघ्न डाल सकती हैं। शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धा, भक्ति और नियमों का पालन करना आवश्यक है।
इस महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को सकारात्मकता और शांति से भरें।